सावरिया- गीत






मन ही मन में पिया पुकारूँ
सावरिया सावरिया-------

जिया धड़के होले होले
जाए कित बावरिया............

छलके नीर मोती बन के
 बोले रे पायलिया.............

पीर  भर नयन भी कहती
श्यामा  पढूॅ  पईयां ,,,,,,,,,,,,,,,,

आराधना राय "अरु"













Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कैसी पभू तूने

राम नवमी पर विशेष

गीत नाट्य काव्यात्मक संवाद