कैसी पभू तूने कायनात बांधी-2 एक दिन के पीछे एक रात बांधी साथ - साथ बांधी 2 कैसी पभू तूने..... कभी थकते नहीं है वो घोड़े तूने सूरज के रथ में जो जोड़े-2 चाँद दूल्हा बना, व्याहने रजनी चला साथ चंदमा के तारों की बारात बांधी साथ साथ बांधी.... कैसी प्रभू तूने................. कैसी खूबी से बांधा ये मौसम सर्दी, गर्मी, बसंत और ग्रीषम साथ बादलों के बीच बरसात बांधी साथ - साथ बांधी कैसी प्रभू तूने................. पशू - पक्षी वो जलचर छुपाए तूने सब के है जोड़े बनाए,, राग और रागनी , नाग और नागनी साथ स्त्री के पुरुषों की जात बांधी साथ- साथ बांधी कैसी प्रभू तूने................. आराधना राय "अरु" तर्ज़-- आधा है चंद्रमा बात आधी.....
राम नवमी पर विशेष लक्ष्मण से बोले रघुवर भईया हमें बताना रे अपयश ना तू लगाना रे पूछेगी माता तेरी लक्षमण कहाँ बताओ दूँगा जवाब क्या मैं उठ के मुझे बताओ दुर्लभ है जग में तूम सा भाई सहोदर पाना रे आरधना राय "अरु" समर्पित स्वर्गीय परम पूज्यनाना जी को पूर्व उप - निदेशक शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश पंडित त्रिवेणी राय शर्मा
गुगलसाभार आध्यात्म कहता है राधा ही कृष्ण थी कृष्ण राधा कैसे इसी प्रश्न को राधा ने भी दोहराया था सबसे बड़ा है प्रश्न कौन है हम परिदृश्य-----श्याम वर्णी सो रहे थे, मंद मंद से समीर में खो रहे थे, भोर का प्रथम आगमन था, वहाँ कलियों ने मुख ना देखा था , गोपियाँ कलियों ने मुख ना देखा था । झरझर करती नीलमा आई मुख देख कृष्णा का लजाई । 'अरु' श्यामा मुख चुम आई तीखे बयन सब सुन आई । राधा संवाद -- राधा बोली क्या मैं राधा बन आई सखि कान्हा बोले- तू मेरी बाला है,राधा है ,सीता के बिन,राम नही तो तू राधा,सीता- सखी, मेरी बाला है । मेरे अंतरमें राधा ,तू कार्य रूप शक्ति है प्रेम है पर मेरे ही अंतस की ज्वाला है, राधा त
Sundar sundar bhaav
ReplyDeletedhnywad shivrajji
DeleteSundar sundar bhaav
ReplyDeletemaujhe bhi sunder laga jab aapne kaha dhanywad shiv raj ji
Deleteसुंदर पंक्तियों आराधना जी।
ReplyDeleteधन्यवाद हिमकर जी
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