दुनियाँ ही संवर जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए
सर रख के चरणों में
जीवन ही संभल जाए,............................1
वो दीप जला मन में
अंधकार ही मिट जाए
साईं तेरे दर पर ही
मुक्ति मुझे मिल जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए..........................2
क्या तुझ को दिखलाए
आँसूं जो छलकते है
तेरे चरणों कि रज पाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................3
बैर- भरम मन के
अब लेके किधर जाए
मन मैल भरा अपना
गंगा से क्या नहलाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................4
मिट्टी के खिलौने है
मिट्टी में मिल जाए
माट्टी का घड़ा मन का
तेरे प्रेम से भर जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................5
कोई राम बना पूजे
कोई श्याम बना पूजे
साईं संत अनोखा सा
मेरे मन में बस जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................5
कोई राम बना पूजे
कोई श्याम बना पूजे
साईं संत अनोखा सा
मेरे मन में बस जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................6
पानी से जलते दीपक
उस दर पर सभी जाए
दुख अपने रो -रो कर
साईं तुझ को बतलाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................6
पानी से जलते दीपक
उस दर पर सभी जाए
दुख अपने रो -रो कर
साईं तुझ को बतलाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................7
मंदिर ना मस्जिद है
हिंदू ना मुस्लिम है
इंसान बने मिल कर
बस कर्म को पा जा
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................8
सागर में समाए जो
दुनियाँ ही संवर जाए................................7
मंदिर ना मस्जिद है
हिंदू ना मुस्लिम है
इंसान बने मिल कर
बस कर्म को पा जा
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................8
नदियों सा बन जाए
साईं कृपा की हमें
"अरु" बूंद मिल जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................9
आराधना राय "अरु"
साईं कृपा की हमें
"अरु" बूंद मिल जाए
साईं जिसे मिल जाए
दुनियाँ ही संवर जाए................................9
आराधना राय "अरु"
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