सावरे
चित्र साभार गुगल
नटनागर सावरे नैना हो गए बावरे
मीठी मुरलिया कि तान सुना
ओ नटनागर............
जाऊं कभी यमुना तो पीछे- पीछे आए रे
देख के अकेली मेरी मटकी गिराए रे
कैसा ये छलिया ने जादू डाला
ओ नटनागर............
किसी दिन बांसुरी मैं तेरी चुराऊँगी
चूम - चूम होठों से सीने से लगाऊँगी
कैसा ये मुरली ने जादू डाला
ओ नटनागर............
आराधना राय "अरु"
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